"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I
"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |
Monday, July 20, 2015
Jaisairam
तेरी इबादत का रंग इस कदर गहरा चढा़ ........
नजर जहाँ पड़ी वहीं तेरा दीदार हुआ .......
कबके मर गए होते जिंदगी की मार से
अगर "साई गुरुवर" नज़र ना डालते प्यार से
जो आएँगे उनमें "साईजी" अपना वास रखना |
नही रहना मुझे मशहूर होके इस दुनिया में,
बस तू अपने चरणों में, मुझको अपना दास रखना |
ॐ साँई राम
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