"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I
"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |
Friday, March 2, 2012
श्री साईं सच्चचरित्र सन्देश
श्री साईं सच्चचरित्र सन्देश
साईं पूर्ण अंतर्ज्ञानी हैं और वे सब पहले से ही
जानते हैं I जैसे भी
साधन भक्त के लिए उपयुक्त होता है,
वे उसे वैसा ही नियम बताते हैं I
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