श्री साईं सच्चरित्र संदेश

"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I


"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |

Thursday, August 29, 2013

|| ॐ साईं नमो नमः || श्री साईं नमो नमः || जय जय साईं नमो नमः || सतगुरु साईं नमो नमः ||


उस परमात्मा के सिवा कोई भी हमें सच्चा प्यार नहीं कर सकता,


बाकी सब रिश्ते केवल लेन - देन पर निर्भर करते है,

समय के साथ हर इन्सान को इस बात का एहसास हो जाता है,

केवल परमात्मा का प्यार अंत तक हमारा साथ देता है,

चाहे हम उस से प्यार करे या नहीं |


जो दूसरों की आँखों में धुल झोंकने में चतुर होते हैं, वे 
समझते हैं कि हम इस तरह से भगवान को भी धोखा 
दे सकेंगे, परन्तु सर्वान्तर्यामी सर्वज्ञ भगवान के 
सम्बन्ध में ऐसा सोचना उनका निरा पागलपन है ।





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