श्री साईं सच्चरित्र संदेश

"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I


"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |

Thursday, July 28, 2011

"मै तुम्हारे ह्रदय कि समस्त इच्छाएँ पूर्ण कर दूँगा, परन्तु जिसका विशवास मुझ पर होगा, सफलता केवल उसी को प्राप्त होगी" I

  
"All your heartfelt wishes will be fulfilled
if you have complete faith in me"
  

ॐ शिरडी वासाय विधमहे सच्चिदानन्दाय
धीमही तन्नो साईं प्रचोदयात ॥ 
"श्री सच्चिदानन्द सदगुरु साईनाथ महाराज की जय"

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