"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I
"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |
Sunday, February 12, 2012
मेरा हाथ पकङना सांई
जब दिखता न कहीं सवेरा हो,
जब बोल न मैं कुछ पाऊँ,
और मन ही मन घबराऊँ,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई
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