श्री साईं सच्चरित्र संदेश

"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I


"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |

Thursday, January 26, 2012

साई बाबा का अदभुत आशीर्वाद

साई बाबा वास्तव मे कलियुग के भगवान हैं । कोई विश्वास करे न करे लेकिन मेरे लिये तो बाबा भगवान ही हैं । शायद बाबा का मूल मंत्र इसी लिये श्रद्धा और सबुरी है । उन्होने तो अपने भक्तो के कल्याण के लिये ही शायद इस मंत्र से दीक्षित करने की दिशा दी होगी । मेरे साथ भी बाबा ने दो माह के अन्तराल मे ही ऐसा चमत्कार दिखाया की मेरे विश्वास की नीव ही बाबा ने पक्की कर दी । मैं    देहरादून मे बाला वाला ग्राम का रहने वाला हू । मैं विन्द्लास फार्मा मे सर्विस करता था । वेतन भी बहुत अच्छा मिलता था । लेकिन मैं देहरादून मे ही घर के पास  सर्विस करने से संतुष्ट नही था ,जबकि मुझे मेरे साथ वाले बहुत ही लक्की कहते थे , क्योकी एजुकेशन पूरी करने के बाद घर के पास ही इतने अच्छे वेतन की सर्विस जो मिल गयी थी । 

मैं देहरादून से बाहर जाकर सर्विस करना चाहता था । हमारे घर से दो -तीन किलोमीटर की दूरी पर ग्राम नकरोन्दा-बाला वाला मे गुलर घाटी  मार्ग पर शिरडी साई बाबा का मन्दिर है । अक्सर गुरुवार के दिन मैं मन्दिर जाता ही था । एक दिन मेरे मन मे आया की मैं बाबा से ही कही घर से बाहर की सर्विस के लिये मन्नत करलू । एक गुरुवार को मैने बाबा से प्रार्थना की , यदि बाबा आपने मेरी सर्विस देहरादून से बाहर लगवा दी तो मैं आपके मन्दिर मे प्रसाद अर्पण करूँगा  ।

 इस बीच मुझे चार -पाच स्थानों के बहुत अच्छे जोब् ओफर भी मिल चुके थे । परन्तु मैं तो देहरादून से बाहर ही सर्विस चाह रहा था । मुझे लगा शायद बाबा अपने प्रति श्रद्धा और सबुरी  की परीक्षा ले रहे हैं । लेकिन मुझे तो बाबा पर पूर्ण श्रद्धा थी । ठीक उसी समय हिमाचल प्रदेश मे एक फार्मा कम्पनी मे नियुक्ति हेतु विज्ञापन निकला और मैने आवेदन कर दिया । बाबा की कृपा देखिये की मुझे  कम्पनी द्वारा साक्षात्कार हेतु बुला लिया गया । बाबा के आशीर्वाद से मैं दो माह के अन्दर ही देहरादून से  बाहर हिमाचल प्रदेश मे एक बहुत अच्छी सर्विस पा गया । ऐसा बहुत ही कम देखा गया है जब एक साधारण व्यक्ति इस प्रकार का प्रयास करे और उसकी मेहनत सफल हो जाये । ये तो बाबा ही हैं जो अपने भक्तो की हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं । विशेष कर इस मन्दिर मे स्थित गुरु स्थान का तो बहुत ही anokhaa  महत्व है जहा बाबा अपने भक्तो की मनोकामना को पूर्ण कर आशीर्वाद देते  हैं । 

ऋषि चन्दोला-बाला वाला ,देहरादून 

Omsairam


Saturday, January 7, 2012

Miracle in Shirdi - Sai Baba's darshan in Dwarakamai !

A Miracle occurred in Shirdi on the night of Thursday 05th Jan`2012.



Right after Baba's Shej Aarti got over, an image of Sai Baba's face appeared on the wall of Dwarkamai.
Very distinctly seen, the face of Sai Baba appeared on the Nimbar (Niche) which is on the western wall of Dwarkamai.

The Shri Sai Satcharitra relates that it was here that Baba used to have his midday meal, sitting behind a curtain with his back to the Nimbar, and a row of devotees on either side of him.This is also the place where Baba would sleep with his head pointing towards the Nimbar.

Sai Baba also occasionally did his Namaz (ritual prayers) here.This Nimbar also has a set of lamps placed by Baba in-front of it.

As this news spread, people from all over started rushing to Shirdi to be blessed by this miracle of Baba.
And slowly the crowds grew in such numbers that Shirdi Sansthan's Security guards also found it difficult to control them.

Chanting the name of Sai Baba, the inside & outside of Dwarkamai was flooded with devotees, all trying to get a glimpse of Baba's Image.

Sai Childrens Academy at Saisthanam, Dehradun

Child Education Sponsorship



PT. SURENDRA DUTT BHATT MEMORIAL AND CHARITABLE TRUST, Dehradun
was formed on 4th July 2002 by Smt Sawitri Bhatt (W/o Late Pt. Surendra Dutt Bhatt). 

In 2009 with blessings of Shirdi Saibaba we started a school named “Sai Childrens Academy”.

Right now there are 20 children from Nursery to Vth standard.

Child Education Sponsorship is a unique relationship between you and your sponsored child.

When you become a Saisthanam Sponsor, you will help a child break free from the clutches of poverty and gift the child a future full of hope. It is also a relationship that extends to the child's family and the community.

You can make a lasting impact by donating Rs 500/- a month.

Your sponsorship will provide a needy child, life's essentials like education, safe drinking water, basic healthcare, food and immunization against killer diseases.

The Updates regarding this temple and charitable trust will be updated on the Website www.saisthanam.com

Join this Divine Temple and help in its major expansion.

For any details regarding Child sponsorship and donations, kindly contact

Sai Bhakt Devendra Bhatt - 094120 54471


Baba bless us all
Regardless of the size of your contribution
or the motivation behind it,
we are deeply grateful for your belief in our work.

Friday, January 6, 2012

60 AMERICAN SAI BABA DEVOTEES VISIT SHIRDI FOR DARSHAN


On 24th Dec`2011, a group of 60 American Sai devotees & their Sufi Leader Murshida Carol Weyland Conner  visited Shirdi to pay their obeisance to Sai Baba. Dr.Conner who is the present head of 'Sufism Reoriented' - a spiritual organization established by Meher Baba in 1952 in California`USA to impart Sufi education, feels that India is the "Motherland of the Earth"...

Thursday, January 5, 2012

साई के आशीर्वाद से नौकरी मिली

       
साई के आशीर्वाद से नौकरी मिली 
मेरे साई की कृपा जब भक्तो के उपर होती होगी ,तो कुछ ऐसे ही होती होगी जैसे बाबा ने मेरे साथ की । मैं सविता रावत् देहरादून मे रायपुर की रहने वाली हू । मेरे परिवार मे मेरी मा और दो बडी बहने हैं ।पिताजी सेना मे थे, उनका स्वर्ग वास  हो गया था ,मेरी मा ने जैसे-कैसे हम तीनों बहनों को पडाया-लिखाया ।मै एक पब्लिक स्कूल मे जोब् करती थी । क्योंकि घर - परिवार का खर्च चलाने के लिये हम तीन बहनों के अतिरिक्त कोई और सदस्य नही है,तो मेरी चिंता सरकारी नौकरी के  लिये बढ  गयी । 


मैं चाहती थी की यदि सरकारी जोब् मिल गयी तो हम सबका भरण-पोषण आराम से हो जायेगा । मेरी चिंता को देख कर वही स्कूल मे एक रूचि नाम की सीनिअर मैडम ने बताया की चार-पाच किलोमीटर की दूरी पर एक साई स्थानं नाम से , सिद्ध पीठ साई मन्दिर है, तुम कभी वहा गयी हो, वहा सच्चे मन से की गयी हर प्रार्थना पूरी होती है । उसी समय शिक्षा विभाग  मे ऐल.टी.ग्रेड के लिये वैकेन्सी समाचार-पत्र निकली, तो मैने भी बाबा के  नाम लेकर फ़ार्म भर दिया । 


एक दिन मैं बाबा से आशीर्वाद लेने के लिये भी अपनी बहन के साथ  साई मन्दिर जो की गुलर घाटी मार्ग , नकरोन्दा-बाला वाला मे है, गयी और बाबा से संकल्प किया की यदि मुझे इस परीक्षा मे पास करवा दिया तो बाबा मैं आपके नाम से भण्डारा करुगी । 


इस निमित्त मैने प्रत्येक गुरुवार के उपवास भी रखने शुरु किये, और बाबा के मन्दिर मे निरंतर जाना शुरु रखा |  बस बाबा ने अपना आशीर्वाद देना शुरु कर दिया । इस बीच एक कुत्ते ने मुझे काट भी लिया, डाक्टर ने बताया की कुत्ते को देखते रहना की वो मर ना जाये । यदि मर गया तो समझना, कुत्ता पागल था । दो दिन बाद वास्तव मे वह कुत्ता मर गया ।क्योकि मालूम चला की वह पागल था, मैं बहुत घबरायी हुई थी । बाबा का नाम लेती रही, डॉक्टर ने मुझे कुत्ते के इंजेक्शन लगवाये । लेकिन मैं समझती  हू ऐसे मामलो मे इंजेक्शन भी कहा काम करते हैं जब पागल कुत्ता काट जाये।


परन्तु मुझे तो बाबा पर पूर्ण विश्वास था । मेरी बाबा ने पूर्ण रक्षा की । मेरी परीक्षा का परिणाम भी घोषित होने वाला था। मेरी मा को परिणाम वाले दिन की पूर्व रात्रि को बाबा ने स्वप्न मे दर्शन देकर कहा की तेरी बेटी पास हो गयी।  सुबह मेरी मा ने मुझे  बताया कि सविता, रात बाबा ने सफ़ेद् वस्त्रो मे मु झे दर्शन देकर कहा की जा तेरी बेटी पास हो गयी ।  आज तेरा रिजल्ट तो नही आगया । अब तू जाकर अपना परिणाम देख तो। मैं तो घबरायी हुई थी की मालूम नही कैसा रिजल्ट होगा, मेरी जाने की हिम्मत नही हो रही थी । मेरी बहन कहने लगी चल नेट पर देख लेते हैं । 


जब रिजल्ट देखा तो बाबा के आशीर्वाद से मैं पास हो गयी थी । थोडे ही समय के पश्चात मुझे दिसंबर २०११ मे ज्वाइनिन्ग लेटर भी मिल गया, वो भी गुरुवार के दिन। मैने बाबा से वचन किया था  की मेरे पहले वेतन से मैं उद्द्यापन भी करुगी और भण्डारा भी करुगी । आखिर वह दिन ५ जनवरी २०१२ गुरुवार का आ गया जब मैने अपनी बडी दो बहनों तथा मा के साथ साई स्थानं साई मन्दिर जो वास्तव मे सिद्ध पीठ स्थान है ,उद्द्यापन का  पूजा-पाठ व हवन इत्यादि कर अपना संकल्प पूरा किया । रुचि मैम के मार्गदर्शन से मुझे बाबा का आशीर्वाद तो मिला ही, पर  मेरे जीवन मे  बाबा ने इस इस प्रकार का चमत्कार किया तो  मेरे पूरे परिवार मे बाबा के प्रति पूर्ण श्रद्धा हो गयी । 
सविता रावत ,शिक्षिका ,रायपुर ,देहरादून ,उत्तराखण्ड्।