श्री साईं सच्चरित्र संदेश

"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I


"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |

Thursday, January 5, 2012

साई के आशीर्वाद से नौकरी मिली

       
साई के आशीर्वाद से नौकरी मिली 
मेरे साई की कृपा जब भक्तो के उपर होती होगी ,तो कुछ ऐसे ही होती होगी जैसे बाबा ने मेरे साथ की । मैं सविता रावत् देहरादून मे रायपुर की रहने वाली हू । मेरे परिवार मे मेरी मा और दो बडी बहने हैं ।पिताजी सेना मे थे, उनका स्वर्ग वास  हो गया था ,मेरी मा ने जैसे-कैसे हम तीनों बहनों को पडाया-लिखाया ।मै एक पब्लिक स्कूल मे जोब् करती थी । क्योंकि घर - परिवार का खर्च चलाने के लिये हम तीन बहनों के अतिरिक्त कोई और सदस्य नही है,तो मेरी चिंता सरकारी नौकरी के  लिये बढ  गयी । 


मैं चाहती थी की यदि सरकारी जोब् मिल गयी तो हम सबका भरण-पोषण आराम से हो जायेगा । मेरी चिंता को देख कर वही स्कूल मे एक रूचि नाम की सीनिअर मैडम ने बताया की चार-पाच किलोमीटर की दूरी पर एक साई स्थानं नाम से , सिद्ध पीठ साई मन्दिर है, तुम कभी वहा गयी हो, वहा सच्चे मन से की गयी हर प्रार्थना पूरी होती है । उसी समय शिक्षा विभाग  मे ऐल.टी.ग्रेड के लिये वैकेन्सी समाचार-पत्र निकली, तो मैने भी बाबा के  नाम लेकर फ़ार्म भर दिया । 


एक दिन मैं बाबा से आशीर्वाद लेने के लिये भी अपनी बहन के साथ  साई मन्दिर जो की गुलर घाटी मार्ग , नकरोन्दा-बाला वाला मे है, गयी और बाबा से संकल्प किया की यदि मुझे इस परीक्षा मे पास करवा दिया तो बाबा मैं आपके नाम से भण्डारा करुगी । 


इस निमित्त मैने प्रत्येक गुरुवार के उपवास भी रखने शुरु किये, और बाबा के मन्दिर मे निरंतर जाना शुरु रखा |  बस बाबा ने अपना आशीर्वाद देना शुरु कर दिया । इस बीच एक कुत्ते ने मुझे काट भी लिया, डाक्टर ने बताया की कुत्ते को देखते रहना की वो मर ना जाये । यदि मर गया तो समझना, कुत्ता पागल था । दो दिन बाद वास्तव मे वह कुत्ता मर गया ।क्योकि मालूम चला की वह पागल था, मैं बहुत घबरायी हुई थी । बाबा का नाम लेती रही, डॉक्टर ने मुझे कुत्ते के इंजेक्शन लगवाये । लेकिन मैं समझती  हू ऐसे मामलो मे इंजेक्शन भी कहा काम करते हैं जब पागल कुत्ता काट जाये।


परन्तु मुझे तो बाबा पर पूर्ण विश्वास था । मेरी बाबा ने पूर्ण रक्षा की । मेरी परीक्षा का परिणाम भी घोषित होने वाला था। मेरी मा को परिणाम वाले दिन की पूर्व रात्रि को बाबा ने स्वप्न मे दर्शन देकर कहा की तेरी बेटी पास हो गयी।  सुबह मेरी मा ने मुझे  बताया कि सविता, रात बाबा ने सफ़ेद् वस्त्रो मे मु झे दर्शन देकर कहा की जा तेरी बेटी पास हो गयी ।  आज तेरा रिजल्ट तो नही आगया । अब तू जाकर अपना परिणाम देख तो। मैं तो घबरायी हुई थी की मालूम नही कैसा रिजल्ट होगा, मेरी जाने की हिम्मत नही हो रही थी । मेरी बहन कहने लगी चल नेट पर देख लेते हैं । 


जब रिजल्ट देखा तो बाबा के आशीर्वाद से मैं पास हो गयी थी । थोडे ही समय के पश्चात मुझे दिसंबर २०११ मे ज्वाइनिन्ग लेटर भी मिल गया, वो भी गुरुवार के दिन। मैने बाबा से वचन किया था  की मेरे पहले वेतन से मैं उद्द्यापन भी करुगी और भण्डारा भी करुगी । आखिर वह दिन ५ जनवरी २०१२ गुरुवार का आ गया जब मैने अपनी बडी दो बहनों तथा मा के साथ साई स्थानं साई मन्दिर जो वास्तव मे सिद्ध पीठ स्थान है ,उद्द्यापन का  पूजा-पाठ व हवन इत्यादि कर अपना संकल्प पूरा किया । रुचि मैम के मार्गदर्शन से मुझे बाबा का आशीर्वाद तो मिला ही, पर  मेरे जीवन मे  बाबा ने इस इस प्रकार का चमत्कार किया तो  मेरे पूरे परिवार मे बाबा के प्रति पूर्ण श्रद्धा हो गयी । 
सविता रावत ,शिक्षिका ,रायपुर ,देहरादून ,उत्तराखण्ड्।

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.