श्री साईं सच्चरित्र संदेश

"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I


"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |

Saturday, December 5, 2015

"महशूर होना पर मगरूर न होना, कामयाबी के लिए कभी चूर 

न होना...मिल जायेगी आपको खुशिया सारी यही पर, सिर्फ साईं जी

से कभी दूर मत होना" ...  प्रेम से बोलो... दिल से बोलो... भक्ति भाव से 

बोलो... "ॐ साईं राम"