श्री साईं सच्चरित्र संदेश

"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I


"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |

Tuesday, August 2, 2011

Devotees Experiences - Devendra Bhatt

  ॐ साईं राम

ॐ साईं राम ,बाबा मुझे प्रत्येक वर्स शिर्डी आने का अवसर प्रदान करते हैं ,और यह सिलसिला १९८३ से चल रहा है .इस बार भी बाबा ने मुझे शिर्डी आने का अवसर दिया .हर बार की तरह इस बार भी बाबा ने हमें अपनी करुना और आशीर्वाद का पात्र बनाया .दो माह पूर्व रेल से आरक्छन  करने के पश्चात भी सीट कंफ़र्म  नहीं हुई.बाबा का नाम लेकर ट्रेन में बैठ गए .मैंने conductor से बात की तो जबाब मिला पहले जिनकी प्रतीक्छा सूचि में सबसे पहला नंबर होगा उनको पहले देना पड़ेगा ,ट्रेन पूरी पैक है उनका भी नंबर कैसे आयेगा.यह सोचकर की बाबा जो भी करेंगे स्वीकार है .

देहली से ट्रेन चल पड़ी .3rd AC  में आरक्छन  था ,टी टी ने भी हाथ खड़े कर दिए थे ,मेरी पत्नी कुछ अधिक परेशां थी ,परन्तु हमारी श्रधा और विश्वास तो बाबा पर था ,टी टी भी क्या करता ट्रेन ग्वालियर पहुंची तो मैं  फिर से टी टी के पास गया ,उसने मुझे देखते ही कह दिया की जिस सीट पर आपके मेम्बेर्स  बैठे है वही बैठे रहे ,हमारी चार बर्थ थी चारों पर हम बैठे रहे परन्तु टी टी ने यह कह दिया था की यदि कोई अगले स्टेशन पर कोई आ गया तो आपको खाली करना पड़ेगा ,बाबा के आशीर्वाद से हम शिर्डी पहुँच  गए ,कोई नहीं आया . इसी प्रकार से बाबा के एक भजन की याद आ गयी :-

जब कोई नहीं आता ,मेरे बाबा आते हैं
मेरे दुःख के दिनों में वो बड़े काम आते है
          ॐ साईं राम    ( शिर्डी समाधी मंदिर के भी बाबा के अनुभव हैं ,बाबा प्रेरणा देंगे तो लिखूंगा )
Devendra Bhatt
09412054471

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