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श्री साईं सच्चरित्र संदेश
"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I
"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |
Tuesday, December 15, 2015
Sunday, December 13, 2015
Sunday, November 8, 2015
Wednesday, October 14, 2015
Shirdi Saibaba Maha Samadhi
बाबा के दिन बृहस्पतिवार के साथ साथ इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार बाबा की पुण्य तिथि भी है। अब से 97 वर्ष पूर्व 15 अक्टूबर 1918 को दोपहर २बजकर ३० मिनट पर बाबा ने महासमाधि ली थी। सभी से अनुरोध है कि साई सत्चरित्र में बाबा की महा समाधी का वर्णन अध्याय 42 और 43- 44 अवश्य पढ़ें।
यह वर्ष एक और तरह से भी महत्वपूर्ण है। इस वर्ष हिंदी तिथि के अनुसार भी बाबा का महासमाधि दिवस विजय दशमी, बृहस्पतिवार को ही पड़ रहा है।
ॐ साई राम
Monday, September 14, 2015
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