श्री साईं सच्चरित्र संदेश

"तुम्हें अपने शुभ अशुभ कर्मो का फल अवश्य ही भोगना चाहिए I यदि भोग अपूर्ण रह गया तो पुनजन्म धारण करना पड़ेगा, इसलिये मृत्यु से यह श्रेयस्कर है कि कुछ काल तक उन्हें सहन कर पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग समाप्त कर सदेव के लिये मुक्त हो जाओ" I


"जो मुझे प्रेम से पुकारता है उसके सन्मुख मै अवलिम्ब प्रगट हो जाता हूँ" |

Tuesday, March 27, 2012

I am always with you.

I am always with you.

I will not allow you to fall.

I will be thinking of you day and night.

I will take care of you every moment.

Saturday, March 24, 2012

हर सांस देती हे साईं की याद ...



हर सांस देती हे साईं की याद ...


साईं भक्ति ने दिया साहस व धैर्य का बल

Sunday, March 11, 2012

Surrendering to me single-minded

 
Surrendering to me single-minded,
he who remembers me ceaselessly,
his debt is on my head,
which I shall repay by uplifting him.

Friday, March 2, 2012

श्री साईं सच्चचरित्र सन्देश

श्री साईं सच्चचरित्र सन्देश
 
 
साईं पूर्ण अंतर्ज्ञानी हैं और वे सब पहले से ही
 
जानते हैं I जैसे भी 


साधन भक्त के लिए उपयुक्त होता है,

 वे उसे वैसा ही नियम बताते हैं I